वो इस तरह फूलो में बहार ढूंढते है,
मानो अखबार में खास इश्तिहार ढूंढते है !
जिस पर तुम्हारे ख्याल का साया न हो,
इस जिन्दगी में हम ऐसा करार ढूंढते है !
न ग़ज़ल के हो मोहताज, न मय के साथी,
हम अपने आप में वो खुमार ढूंढते है !
सारा शहर सन्नाटे से भरा पड़ा है यहाँ ,
और एक हम है की पुकार ढूंढते है !
हर एक चीज मिल जाती है दुकानों में,
सिवा एक जिसे हम बेसुमार ढूंढते है !
पलक झपकने जितना भी शक हो न कभी,
हम तेरी आँखों में वो इख्तियार ढूंढते है !
हर हाथ मे पत्थर हेरानी की बात नहीं,
लोग यहाँ पत्थरो मे परवरदिगार ढूंढते है !
- मेहुल मकवाना, 22 जनवरी 2013, वेजलपुर
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